अहमदाबाद, 16 जून 2025 — आज सुबह अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक बड़ा विमान हादसा हुआ, जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। यह हादसा उस समय हुआ जब एक घरेलू एयरलाइन की फ्लाइट ने तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन रनवे से कुछ ही दूरी पर वह क्रैश हो गई।
हादसे की जानकारी
घटना सुबह करीब 8:45 बजे की है, जब दिल्ली से अहमदाबाद आ रही फ्लाइट GZ-452, जिसमें कुल 138 यात्री और चालक दल के 6 सदस्य सवार थे, लैंडिंग के दौरान संतुलन खो बैठी और हवाई अड्डे से लगभग 2 किलोमीटर दूर एक खुले मैदान में जा गिरी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान तेजी से नीचे गिर रहा था और ज़ोरदार धमाके के साथ ज़मीन से टकराया। आस-पास के ग्रामीणों और स्थानीय नागरिकों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया, जिससे कई जिंदगियां समय रहते बचाई जा सकीं।
राहत और बचाव कार्य
स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। हादसे के एक घंटे के भीतर 110 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। इनमें से कई को मामूली चोटें आईं, जबकि कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। अब तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें दो पायलट भी शामिल हैं।
अस्पतालों में अफरा-तफरी
सभी घायलों को तुरंत सिविल हॉस्पिटल और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की एक विशेष टीम घायलों की देखभाल कर रही है। प्रशासन ने घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
गुजरात के मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख जताया और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने हवाई अड्डे का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से मिलकर संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए राहत कार्य में हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
परिजनों का दर्द
हादसे के बाद हवाई अड्डे और अस्पतालों में परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई लोग अपने परिजनों की जानकारी के लिए इधर-उधर भटकते रहे। कुछ की आंखों में आंसू थे, तो कुछ को अब तक यह यकीन नहीं हो रहा था कि उनके अपनों के साथ यह त्रासदी घटी है।
हादसे की वजह
प्रारंभिक जांच में बताया गया है कि विमान के इंजन में तकनीकी खराबी आ गई थी। पायलट ने आखिरी वक्त तक विमान को सुरक्षित उतारने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। विस्तृत जांच के बाद ही असली वजह सामने आएगी।
निष्कर्ष
यह हादसा न सिर्फ तकनीकी प्रणाली की समीक्षा की मांग करता है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि एक छोटी सी चूक कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। ज़रूरत है, सुरक्षा मानकों को और कड़ा करने की, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
हम सभी पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।