तेहरान/यरूशलम, जून 2025 — पश्चिम एशिया में जारी तनाव अब खुले युद्ध में तब्दील हो चुका है। इस बीच एक दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया है, जब ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल पर लाइव बुलेटिन के दौरान एक इज़राइली मिसाइल सीधे स्टूडियो के परिसर से टकराई।
टीवी एंकर सहर इमामी समाचार पढ़ ही रही थीं कि अचानक पूरा स्टूडियो एक तेज धमाके से हिल गया। कैमरे में दिख रहा है कि वह घबराकर कुर्सी से उठती हैं और बुलेटिन बीच में छोड़ देती हैं। इसी दौरान बैकग्राउंड में लोगों की घबराहट भरी आवाज़ें और “अल्लाह-हू-अकबर” के नारे सुनाई देते हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सहर इमामी और स्टूडियो का पूरा स्टाफ सुरक्षित है और उन्हें कोई शारीरिक क्षति नहीं हुई है। कुछ खबरों में यह भी कहा गया है कि वे घटनास्थल से कुछ देर बाद वापस लौटकर अपनी ड्यूटी पर फिर से लगीं। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
पूरे तेहरान में मिसाइलों की बारिश
इज़राइल ने दावा किया है कि उसने ईरान पर “पूर्ण वायु नियंत्रण” हासिल कर लिया है। राजधानी तेहरान समेत कई बड़े शहरों पर इज़राइली मिसाइलें लगातार गिर रही हैं। सड़कों पर भगदड़ मची हुई है, लोग अपने घरों को छोड़कर ज़रूरी सामान लेकर छोटे शहरों की ओर जा रहे हैं। कई जगहों पर हाइवे पर गाड़ियों की लंबी कतारें देखी गईं — मानो पूरा शहर खाली हो रहा हो।
इज़राइल की चेतावनी और इरादा
इज़राइली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज ने कहा,
“हमारा मकसद तेहरान के आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाना नहीं है, लेकिन उन्हें तानाशाही सरकार की वजह से इसकी कीमत चुकानी होगी। हम सिर्फ सैन्य और शासन से जुड़े ठिकानों को निशाना बना रहे हैं।”
भारत के छात्रों की सुरक्षा
तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। सैकड़ों छात्र अब सुरक्षित स्थानों की ओर रवाना किए जा रहे हैं। भारतीय दूतावास की टीम उन्हें तेहरान से लगभग 150 किलोमीटर दूर क़ुम और अन्य शहरों में स्थानांतरित कर रही है, ताकि उन्हें इज़राइली हमलों से बचाया जा सके।
इज़राइल का अभियान और उसके लक्ष्य
इज़राइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने अपने सैनिकों से बातचीत में कहा,
“हम अपने दो मुख्य लक्ष्यों को पाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं — ईरान के परमाणु खतरे और मिसाइल हमले की क्षमता को पूरी तरह समाप्त करना।”
इससे पहले ईरान ने इज़राइल के दो बड़े शहरों तेल अवीव और यरूशलम पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं। हालांकि, इज़राइल के डिफेंस सिस्टम ने इनमें से ज़्यादातर को नष्ट कर दिया, लेकिन 7 मिसाइलें शहरों में जा गिरीं। इन हमलों में कम से कम 100 लोग घायल हुए हैं।y
जैसे-जैसे यह संघर्ष और भीषण होता जा रहा है, आम नागरिकों की जान पर खतरा बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों की जनता, खासकर निर्दोष नागरिक और विद्यार्थी, इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार बन रहे हैं। युद्ध की भाषा में सिर्फ दुश्मन नहीं, इंसानियत भी हारती है। ज़रूरत है, कूटनीति और संवाद की — ताकि जंग की जगह अमन को रास्ता मिल सके।